बाड़मेर. सरकारी चिकित्सालयों (govt hospitals) में मरीजों को नि:शुल्क दवा (free drug) को लेकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। हकीकत ये है कि निशुल्क दवाइयों मेें कई दवाएं मरीजों को उपलब्ध नहीं हो रही है। मजबूरी में उन्हें महंगे दामों पर बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही है। बाड़मेर जिले में पिछले दो माह से मधुमेह रोगियों (diabetic patients) को निशुल्क दवा स्टोर (free drug centers) से इंसुलिन नहीं मिल रहा है। जबकि सैकड़ों लोग रोजाना इंसुलिन ( insulin ) के लिए निशुल्क दवा केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। स्टोर पर फार्मासिस्ट अनुपलब्धता बताकर मना कर रहे हैं। मजबूर मरीज को बाहर से पैसे खर्च कर डोज के लिए इंसुलिन खरीदना पड़ता है।
सरकारी आपूर्ति में पिछले दो माह से इंसुलिन नहीं आ रहा है। मधुमेह टाइप-2 की स्थिति में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का डोज जरूरी हो जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज के सामने खरीदने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है। जबकि चिकित्सा विभाग का कहना है कि डिमांड भेज चुके हैं। लेकिन इंसुलिन की आपूर्ति नहीं हो रही है।
मरीजों को खरीदना पड़ रहा भारी
बाड़मेर के राजकीय चिकित्सालय की ओपीडी में मधुमेह के मरीजों को इंसुलिन डोज की सलाह चिकित्सक देते हैं। लेकिन जब मरीज निशुल्क दवा केंद्र पर पहुंचता है तो वहां पर उपलब्ध नहीं होता है। बाहर से इंसुलिन 150-200 रुपए में मिलता है। कई मरीजों के डोज की मात्रा अधिक होने पर महीने में चार बार इंसुलिन का वायल खरीदना पड़ता है। इसके चलते अधिकांश मरीजों के लिए इंसुलिन खरीदना भारी पड़ रहा है।
पहले आई आपूर्ति में बैच नम्बर गलत निकले
करीब दो महीने इंसुलिन की सप्लाई आई थी। लेकिन इसके बैच नम्बर गलत होने के कारण सप्लाई लौटा दी गई। इसके बाद स्टोर में इंसुलिन की आपूर्ति ही नहीं हो रही है।
मेडिकल स्टोर संचालकों की चांदी
निशुल्क दवा केंद्रों पर दो माह से इंसुलिन नहीं मिलने से दवा केंद्रों पर चांदी हो गई है। मजबूर मरीज को बाहर से ही इसकी खरीद करनी पड़ रही है। ऐसे में medical store पर इंसुलिन की बिक्री पिछले दो माह से लगातार बढ़ी है। पूरे जिले के मरीज निशुल्क दवा में इंसुलिन की आपूर्ति नहीं होने से परेशानी झेल रहे हैं।
इसलिए दिया जाता है इंसुलिन
डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर (blood sugar) नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन दिया जाता है। वैसे टेबलेट से मधुमेह की बीमारी नियंत्रित रहती है। लेकिन टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त रोगियों में ब्लड शुगर का स्तर अधिक होने पर कुछ समय के लिए इंसुलिन का निर्धारित डोज दिन में दो से तीन बार दिया जाता है। जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
Source: Barmer News