बाड़मेर. जिले में कोरोना की मार ने प्रवेशोत्सव की रफ्तार को रोक लिया। एक साल पहले जहां करीब पैंतालीस हजार बच्चों का नामांकन हुआ तो इस बार आंंकड़ा बमुश्किल ग्यारह हजार पार कर पाया है जबकि दस दिन बाद ही प्रवेशोत्सव कार्यक्रम खत्म हो जाएगा।
हालांकि २०२०-२1 में नामांकन करीब पैंतालीस हजार बढ़ा था। लक्ष्य के मुताबिक करीब पचपन हजार का नामांकन बढऩा था लेकिन अब तक मात्र बारह हजार की नामांकन बढ़ा है।
सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए प्रवेशोत्सव कार्यक्रम नव शिक्षा सत्र के आरम्भ में शुरू होता है। करीब एक माह-ड़ेढ़ माह तक चलने वाले कार्यक्रम में शिक्षक रैली, सांस्कृतिक कार्यक्रम, संवाद कार्यक्रम, अभिभावक सम्मेलन, जन सम्पर्क के माध्यम से बच्चों को सरकारी स्कू लों से जोड़ते हैं।
नवप्रवेशी के साथ ड्राप आउट, चौदह साल तक के बच्चों के सरकार विद्यालयों में जोड़ा जाता है। जिले के कुल नामांकन का दस फीसदी हर साल लक्ष्य होता है।
इस बार कोरोना ने प्रवेशोत्सव कार्यक्रम पर रोक लगा दी जिसके चलते नामांकन पर भी रोक लग गई। 31 जुलाई तक प्रवेशोत्सव कार्यक्रम है और अभी तक जिले में मात्र 11 हजार विद्यार्थी ही सरकारी स्कू लों से जुड़ पाएं हैं।
खास बात यह है कि पिछले सत्र में करीब पैंतालीस हजार विद्यार्थी सरकारी स्कू लों से जुड़े थे, लेकिन इस बार एक चौथाई आंकड़ा भी पार नहीं हुआ है।
प्रचार-प्रसार के अभाव में नामांकन कम- पूर्व में जहां विद्यालय खुलने पर अभिभावक खुद बच्चों को स्कू ल लेकर आते थे तो विद्यालय भी रैली, सभा, अभिभावक सम्मेलन, बाल सभाएं आदि करवा गांव में प्रवेशोत्सव का प्रचार-प्रसार करते थे। इस बार कोरोना गाइडलाइन के चलते एेसा नहीं हो पा रहा है। हालांकि शिक्षक घर तक पहुंच रहे हैं, लेकिन नामांकन आशानुरूप नहीं बढ़ रहा। पूर्व में जहां प्रति सत्र पन्द्रह से बीस हजार का नामांकन होता था लेकिन इस बार तीन-साढ़े तीन हजार कम हुआ है। पिछले साल कोरोना का फायदा- सरकारी स्कू लों को पिछले सत्र में कोरोना का फायदा मिला था, क्योंकि पहली लहर आते ही स्कू ल बंद हुए तो निजी विद्यालयों से भी नामांकन सरकारी स्कू लों में हुआ। इस पर करीब साढे़ पैंतालीस हजार नामांकन सरकारी स्कू लों में बढ़ा था।
कोरोना का असर पर प्रवेशोत्सव जारी- कोरोना के चलते स्कू ल बंद होने से नामांकन प्रक्रिया पर असर पड़ा है। हालांकि अभी भी प्रवेशोत्सव जारी है जिस पर अधिक से अधिक नामांकन का प्रयास रहेगा।-नरसिंगप्रसाद जांगिड़, सहायक निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बाड़मेर
Source: Barmer News