Posted on

रामसर पत्रिका . भारत के जांबाज जवानों के शौर्य और पराक्रम की यादें संजोए यहां पहुंची स्वर्णिम मशाल यात्रा के तहत शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली से रवाना हुई स्वर्णिम मशाल यात्रा 17 जुलाई को बाड़मेर पहुंची थी।

इसके बाद यह यात्रा शनिवार को गडरा रोड और रविवार को मराठा हिल मुनाबाव होते हुए सोमवार को रामसर पहुंची। यहां मालू राउमावि में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

भारतीय सेना के जवानों व स्थानीय अधिकारियों ने शहीद हुए वीर सैनिकों को पुष्प चक्र अर्पित किए।
यह विजय मशाल यात्रा रवाना भारत पाक युद्ध 1971 में शहीद हुए वीर जवानों के सैल्यूट कार्यम के 50 साल पूरे होने के बाद हुई।

यह सैन्य संघर्ष 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ और 16 दिसंबर 1971 को ढाका समर्पण के बाद समाप्त हुआ। इस युद्ध के बाद बांग्लादेश दुनिया के नक्शे पर नया देश बन कर उभरा।
उल्लेखनीय है कि तब 13 दिन तक चले युद्ध के दौरान तीस हजार सैनिक और तीन लाख बांग्ला लोग प्रभावित हुए और करीब एक लाख लोग भारत आए। इस युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों के वीरता व बलिदान की यादें ताजा करने के लिए यह विजय मशाल यात्रा निकाली जा रही है।

इस मौके पर डेजर्ट ऑफ रेजीमेंट के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल जीजेश के.पी, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, एएसआई, कैप्टन हरिसिंह सोढ़ा, हवलदार तनेराजसिंह, हवलदार तेजमाल सिंह, कानाराम, लाखाराम, कमलसिंह और राणमल सहित कई जने मौजूद रहे।

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *