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NAND KISHORE SARASWAT

जोधपुर. एक मां ने अपनी नवजात बच्ची को बुधवार आधी रात बाद करीब 2.20 बजे पावटा जिला अस्पताल के अहाते में बने चबूतरे पर लगे पालने में छोड़ दिया। रात के सन्नाटे में किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पहुंचे अस्पताल के सुरक्षा गार्ड कपड़े में लिपटी नन्ही परी को देखकर दंग रह गए। बच्ची को तुरंत चिकित्सकों ने सम्भाला। बच्ची एकदम तंदुरूस्त पाई गई। अस्पताल प्रभारी की सूचना पर पहुंचे बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष धनपत गुजर ने नन्हीं परी को उचित देखरेख के लिए राजकीय शिशु गृह भिजवा दिया।

अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीसी गुप्ता के अनुसार अस्पताल चबूतरे पर छोड़ी गई बालिका पूरी तरह स्वस्थ और उसका वजन 2.9 किलोग्राम है। न्यू बोर्न यूनिट में रात्रि 2.23 बजे भर्ती की गई बच्ची की देखरेख के लिए राजकीय शिशु गृह मंडोर से दो केयर टेकर भी बुलाए गए।

पता नहीं चला कौन छोड़ गया
नवजात को सड़कों के किनारे, नालों व निर्जन स्थल व झाडिय़ों में फेंकने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पावटा जिला अस्पताल सहित चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित नवजीवन संस्थान में पालने लगे हैं। पावटा अस्पताल के ऐसे ही पालने में बच्ची को छोड़ गई मां का पता नहीं चल पाया है।

इनका कहना है…
नवजात शिशुओं को वीरान और अनजान स्थान पर नही फेंक कर उनको विभिन्न अस्पतालों और संस्थाओं के पालना गृह में सुरक्षित छोडऩा चाहिए ताकि नवजात को जन्म के साथ मिले संवैधानिक अधिकारों का बाल कल्याण समिति की ओर से संरक्षण दिया जा सके। पावटा अस्पताल में छोड़ी गई नवजात को राजकीय शिशु गृह भेजने के आदेश दिए गए हैं।

-धनपत गुजर, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, जोधपुर

Source: Jodhpur

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