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जोधपुर।

केन्द्र सरकार की ओर से सोने के गहनों की शुद्धता व पारदर्शिता के लिए लागू किया गया हॉलमार्र्किंग कानून ज्वैलर्स के लिए परेशानी बनता जा रहा है। हॉलमार्किंग सिस्टम लागू होने के बाद अब भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने प्रदेश सहित जोधपुर के सभी हॉलमार्किंग ज्वैलर्स को नोटिस भेजकर 31 जुलाई तक पुराने सिस्टम के हॉलमार्किंग वाले गहनों का ब्यौरा मांगा है। पूरे प्रदेश में जारी हुए नोटिस के दायरे में हजारों ज्वैलर्स आ गए है। साथ ही, ब्यौरा नहीं देने की स्थिति में उनकी ज्वैलरी जब्त करने के नोटिस दिए जा रहे है। जिले में करीब 100 से अधिक हॉलमार्क लाइसेंसधारी ज्वैलर्स को नोटिस मिले है। बीआईएस की ओर से दिए गए नोटिस से ज्वैलर्स-आभूषण कारोबारियों में भारी रोष है।

कम समय में हजार किलो स्वर्णाभूषणों की जानकारी देना मुश्किल

जोधपुर और आसपास के इलाकों में छोटी-बड़ी दुकानों के पास अनुमानित 1 हजार किलो तक के स्वर्णाभूषणों का स्टॉक है। अगर मात्रा देखें तो यह करीब 70-80 तक पीस हो सकते है। 31 जुलाई यानि 6-7 दिनों में इतनी जानकारी देना मुश्किल है। ज्वैलर्स का कहना है कि हम जीएसटी या आयकर विभाग के पास अपना स्टॉक देते ही है, बीआईएस चाहे तो वहां से ले सकता है। साथ ही 31 अगस्त तक पुराना स्टॉक खत्म करना है तो फि र ये नोटिस क्यों दिए जा रहे है।

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नए और पुराने हॉलमार्क में अन्तर

– पहले हॉलमार्क में चार मार्क होते थे। इसमें बीआईएस का लोगो, कैरेट शुद्धता, हॉलमार्किंग सेंटर का कोड और ज्वैलर का कोड होता था।

– नई हॉलमार्किंग में सिर्फ तीन मार्क होंगे। इसमें बीआईएस लोगो के साथ कैरेट शुद्धता और छह अंकों का अल्फ ान्यूमेरिक कोड होगा।

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शहर में पर्याप्त हॉलमार्क सेंटर नहीं

ज्वैलर्स का कहना है कि सरकार ने बिना संसाधनों के इस कानून को लागू कर दिया है। शहर व प्रदेश में पर्याप्त हॉलमार्क सेंटर नहीं है, सभी ज्वैलर्स पंजीकृत नहीं हुए, ऐसे में सोने की शुद्धता की गारंटी देने वाले इस कानून की पालना कैसी होगी। ज्वैलर्स को हॉलमार्क के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है।

देश में 4 लाख ज्वैलर्स, केवल 36 हजार ही पंजीकृत

वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक भारत में करीब 4 लाख ज्वैलर्स है, इनमें से केवल 36 हजार ज्वैलर्स ही पंजीकृत है। वर्तमान में भारतीय सोने के आभूषणों का केवल 30 प्रतिशत हॉलमार्क है। देश में 940 हॉलमार्किंग केंद्र संचालित है।

जोधपुर ज्वैलर्स व्यवसाय

– 15-20 किलो स्वर्णाभूषण व बुलियन का कारोबार प्रतिदिन

– 50-60 बड़े शोरूम

– 2500 छोटी-बड़ी दुकानें

– 5 हजार कारीगर व्यवसाय से जुड़े

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जोधपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन के सभी सदस्यों को नोटिस मिले है। बीआईएस पोर्टल में भी समस्या आ रही है। उस पर सिर्फ 6-7 दिनों में स्टॉक बीआईएस में घोषित करना सम्भव नहीं है। बीआईएस किस हक से यह जानकारी मांग रहा है। यह अधिकार जीएसटी व इन्कम टेक्स डिपार्टमेंट को है और वहां ज्वैलर्स सम्पूर्ण जानकारी दे रखी है हम इस तरह की कार्यवाही का विरोध करेंगे

नवीन सोनी, सचिव

जोधपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन

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बीआईएस से नोटिस मिला है। 31 जुलाई तक पुराने हॉलमार्क ज्वैलरी स्टॉक का समय दिया गया है। इतने कम समय में पुराने हॉलमार्क स्टॉक की जानकारी देना मुश्कि है।

पदमचंद कांकरिया, ज्वैलर्स

Source: Jodhpur

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