चौहटन. थाना क्षेत्र के आकोड़ा गांव में रविवार शाम को बिजली पोल के ताण से होकर खेत की तारबंदी में प्रवाहित करंट से पूर्व सरपंच की मौत को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने शव लेने से इनकार करते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
मृतक मंगलसिंह के परिजन व सैकड़ों ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। वहीं कुछ देर के लिए तहसील कार्यालय व अस्पताल परिसर के आगे सड़क पर प्रदर्शन किया।
उपखंड अधिकारी वीरमाराम, पुलिस उप अधीक्षक अजीतसिंह, थानाधिकारी प्रेमाराम, डिस्कॉम अधीशासी अभियंता अश्विनी कुमार, जिला परिषद सदस्य रूपसिंह राठौड़, पूर्व विधायक तरुणराय कागा, समाजसेवी नरपतसिंह दूधवा, तनसिंह सनाऊ, दुर्जनसिंह आकोड़ा, मोहनसिंह आकोड़ा सहित कई प्रमुखजनों के बीच वार्ता के परिजन शव लेने को राजी हुए।
यह बनी सहमति
वार्ता के दौरान हादसे की निष्पक्ष जांच व इसके लिए डिस्कॉम के जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई, दोषी अधिकारी को सस्पेंड करने, करंट से होने वाले हादसों के लिए विद्युत विभाग में निर्धारित क्लेम, कृषक की दुर्घटना मौत पर मुआवजा तथा मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक लाख रुपए की सहायता के लिए प्रशासनिक अनुशंषा करने, सम्पूर्ण विद्युत लाइनों की जांच कर दुरुस्त करने की बात पर आम सहमति बनी।
दर्ज हुआ मामला
भाखरसिंह पुत्र हड़वन्तसिंह राजपूत निवासी आकोड़ा ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसके ताऊ मंगलसिंह पुत्र प्रभुसिंह रविवार शाम खेत में काम कर रहे थे। रखवाली के लिए की गई तारबंदी के निकट फसल कटाई के दौरान वे तारबंदी में प्रवाहित करंट की चपेट में आ गए। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रिपोर्ट में उन्होंने डिस्कॉम के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, लाइनमैन सहित अन्य कार्मिकों की कर्तव्य के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया।
दो माह पहले भी हुआ था हादसा
ग्रामीणों का कहना है कि आकोड़ा सरहद में दो माह पहले इसी 11 केवी लाइन की चपेट में आने से अम्बाराम मेघवाल के पुत्र की जान चली गई। वहीं छुगसिंह पुत्र भीखसिंह की दो भैंसे करंट से मर गई थी। ग्रामीणों ने करंट प्रवाहित होने इंसुलेटर नहीं लगे होने की सूचना डिस्कॉम को देने के बावजूद यह हादसा भी हो गया।
[MORE_ADVERTISE1]
Source: Barmer News