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जोधपुर. राजस्थान पत्रिका के अभियान ‘सुगम और सुरक्षित बने शिक्षा’ से हरकत में आया शिक्षा विभाग सरकारी विद्यालयों में नए कक्षा कक्षों के निर्माण व संसाधन बढ़ाने के लिए शीघ्र ही राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को प्रस्ताव भेजेगा। स्कूलों की जरूरतों के हिसाब से विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है।
जोधपुर मंडल स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक प्रेमचंद सांखला ने पत्रिका से बातचीत में स्वीकार किया कि जिस संख्या में स्कूल क्रमोन्नत हो रहे हैं और नामांकन भी लगातार बढ़ रहा है, उस हिसाब से स्कूलों में कक्षा कक्ष अपर्याप्त हैं। अन्य सुविधाएं भी कम है। साथ ही शिक्षा परिषद् के माध्यम से स्कूलों में भौतिक विकास, कक्षा-कक्ष निर्माण, मरम्मत, रंगरोगन पर होने वाला खर्च भी गत वर्ष की तुलना में बढ़ा है। पत्रिका के समाचार अभियान में उजागर किए गए तथ्यों का संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा परिषद् को शीघ्र ही प्रस्ताव भेजे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि परिषद् को भेजे जाने वाले प्रस्ताव भारत सरकार से स्वीकृत होकर आते है। उसके आधार पर विद्यालयों में निर्माण कार्य करवाए जाते हैं। कोरोना के बाद स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए भी अतिरिक्त कक्षा कक्षों की जरूरत रहेगी। इसके अनुरूप प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। ये प्रस्ताव अगले सप्ताह तक तैयार कर भिजवा दिए जाएंगे।

यू-डाइस के मार्फत स्कूल रखते हैं समस्या
शिक्षा विभाग के स्कूल ऑनलाइन पोर्टल पर यू-डाइस के मार्फत अपनी स्कूलों की स्थिति बताते हैं। इसमें हर साल राज्य सरकार की ओर से ज्यादा जरूरत वाली स्कूलों को निर्माण कार्य के लिए चयनित किया जाता है। इसके बाद राज्य सरकार की आेर से ही ऑनलाइन टैंडर आमंत्रित किए जाते हैं। शाला शिक्षा परिषद समग्र शिक्षा अभियान के तहत फंड जारी करती है।

३ साल में केवल २ स्कूल में निर्माण पूरे
बीते ३ साल में शिक्षा विभाग ने महज शहर की ७ स्कूलों को चयनित किया। इसमें से केवल २ जगह राबाउमावि शाहपुरा कुड़ी २५.२९ लाख और जीएसएस ढंढ़ में १४ .७२ लाख रुपए की राशि से निर्माण कराया गया। शेष दो स्कूलों में जीएसएस बासनी स्टेशन व जीएसएस न्यू मंडी में कार्य चल रहा है। शेष तीन जगहों पर तो राबाउमावि बासनी, विशिष्ट पूर्व यूपीएस शास्त्रीनगर और राप्रावि लाखोरा का बास में विभाग को कार्य की जगह नहीं मिली।

Source: Jodhpur

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