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पीपाड़ सिटी (जोधपुर). उपखंड क्षेत्र में मौसम एवं बारिश की बेरुखी से किसानों पर अकाल का साया मंडराने लगा है। किसानों ने सामान्य बारिश में खेतो में खरीफ की फसलें बुवाई तो कर दी लेकिन अब फसलें जलने की कगार पर है।

बारिश के अभाव में गांवों में नाडी-तालाब भी खाली हैं। ऐसे में पशुओं एवं वन्यजीवों के लिए चारे एवं पानी संकट खड़ा है। कई स्थानों पर भामाशाहों से पानी के टैंकर डलवाकर व्यवस्था बनाई जा रही है। लेकिन सरकारी मदद के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में गायों सहित अन्य जीवों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है।

किसानों ने बताया कि हालात बद से बदतर होते जा रहे है। खेतों में खड़ी फसलों को सूखता देख किसान हताश एवं भविष्य की आर्थिक परेशानियों को लेकर चिंतित है। गांवों में ज्वार, बाजरी, मूंग, तिल की फसलें धीरे धीरे नष्ट होने की कगार पर पहुंच चुकी है।

जुलाई-अगस्त माह में 75 एमएम ही बारिश दर्ज हुई
तहसील कार्यालय पर लगे वर्षामापी यंत्र में इस बार 1 जुलाई से 18 अगस्त तक यानी 49 दिवसों में 75 एमएम ही बारिश दर्ज की है। ये आंकड़ा सामान्य बारिश की सीमा से निम्न स्तर पर है। जुलाई माह में किसानों ने पहली बारिश के साथ खेतों में बुवाई शुरू की थी। कई मर्तबा हुई मामूली बारिश का पानी फसलों की जड़ों तक भी नहीं पहुंच पाया है।

कब-कब बारिश हुई
जानकारी के अनुसार जुलाई माह से अब तक कुल सात बार ही मामूली बारिश दर्ज हुई है। जो इस प्रकार से है।
10 जुलाई–8 एमएम 12 जुलाई-18 एमएम 23 जुलाई-13 एमएम 29 जुलाई-09 एमएम 30 जुलाई 02 एमएम 1 अगस्त 13 एमएम 9 अगस्त 12 एमएम।

Source: Jodhpur

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