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बाड़मेर.
बारिश से आस छोड़ चुके किसान अब खरीफ की फसल में भी सिंचाई के लिए कृषि कुओं के भरोसे हो गए है। पचास हजार हैक्टेयर में अरण्डी की फसल है जो करीब 5 अरब की होगी और इसके अलावा भी फसलें है। किसान को अब 6 घंटे बिजली चाहिए लेकिन नहीं मिल पा रही है। भिंयाड़, सेड़वा और अन्य इलाकों से किसान इसके लिए प्रदर्शन भी कर चुके है। इधर डिस्कॉम का दावा है कि वो तो छह घंटे बिजली दे रहे है और इसका रिकार्ड है। किसानों को फिक्र है कि डिस्कॉम यों ही बिजली को लेकर देरी करता रहा तो मुंह आया निवाला छीन जाएगा।

मानसून सत्र में बारिश कम हुई है। यहां किसानों ने बारिश के इंतजार को देखते हुए कृषि ट्यूवेल से बुवाई तो कर दी, लेकिन अब समय पर बिजली नहीं मिलने से किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे है। यहां बाड़मेर जिले में 56 हजार कृषि कनेक्शन है। बिजली की आपूर्ति को लेकर किसान आंदोलन भी कर चुके है, लेकिन सरकार व प्रशासन स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।

पंप-मोटर जल रहे, फसल सूखने का डर
बार-बार बिजली बंद होने व चालू होने से पंप व मोटर मशीन पर विपरित असर पड़ रहा है। लो-वोल्टेज की स्थिति पर मोटर पर दबाव होने पर जल जाते है। साथ ही मानसून सत्र में इस बार बारिश कम हुई है, किसानों ने बारिश के मौसम को देखते हुए फसलों की बुवाई कर दी गई थी, लेकिन बारिश नहीं होने पर फसल को बचाने के लिए खेतों में पानी की जरुरत है। बिजली कटौती से फसल सूखने का खतरा है।

गलती विभाग की सजा किसानों पर
किसानों को विद्युत आपूतिज़् के दौरान कम वोल्टेज, कम बिजली आपूतिज़् की शिकायत पर डिस्कॉम ने जांच करवाई। जांच में स्पष्ट हुआ है कि कई सब स्टेशनों से निर्धारित समय से ज्यादा बिजली की सप्लाई दी गई, ऐसे में अब डिस्कॉम पूर्व में ज्यादा हुई खपत की भरपाई कर रहा है।। ऐसे में कई किसानों के सामने बिजली को लेकर संकट खड़ा हो गया है।

– भियाड़ क्षेत्र में लगातार कृषि कनेक्शनों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिससे किसानों को पर्याप्त वोल्टेज के साथ निर्धारित अवधि में बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है। जिसको लेकर पूर्व में तीन-चार दिन विरोध प्रदर्शन भी किया। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर धरना समाप्त किया, लेकिन समस्या अभी भी जस की तस है। सरकार क्षेत्र में 220 केवी ग्रिड सब स्टेशन स्थापित करवा वोल्टेज की समस्या से निजात प्रदान करना चाहिए। – पूनमाराम चौधरी, किसान नेता, भिंयाड़
– सरकार किसानों को छह घण्टे बिजली की आपूर्ति देने का वादा कर रही है, जबकि धरातल पर किसानों को महज तीन-चार घण्टें बिजली मिल रही है। ऐसे में किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे है। बिजली वोल्टेज कम मिलने से किसानों को नुकसान हो रहा है। स्थिति दयनीय हो रखी है। – पूरसिंह राठौड़, किसान नेता

सीधी बात – अजय माधुर, अधीक्षण अभियंता, डिस्कॉम
सवाल – किसानों को बिजली समय पर नहीं मिल रही है?
जबाव – हम बिजली की सप्लाई नियमित दे रहे है।
सवाल – विद्युत सप्लाई में ठेकेदारों की लापरवाही सामने आई है?
जबाव – ऐसी कोई बात नहीं है। हमने एमआरआई करवाई है, औसत छह घण्टें ही आ रहा है।
सवाल – 6 घण्टें का दावा है, बिजली 4 घण्टें की मिलती है?
जबाव – हमारे पास रिकॉर्ड है, हम छह घण्टें बिजली दे रहे है। हां कई बार कट लगने से बिजली कट होती है।

फैक्ट फाईल
– 56 हजार 64- कृषि कनेक्शन –
– 1 लाख 83 हजार 896- घरेलू कनेक्शन
– 263- कुल जीएसएस
– 155- निजी ठेके पर जीएएस

Source: Barmer News

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