जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से जनहित याचिका पर शहर के आसपास वनभूमि पर बसी कच्ची बस्तियों के अतिक्रमण व निर्माण को नियमित करने के साथ ही पट्टे जारी करने पर रोक के आदेश से भू माफिया में हड़कम्प मच गया है। जोधपुर की करीब 60 से अधिक बस्तियों के नियमन पर तलवार लटकने के बाद बस्तियों में अतिक्रमण कर वनभूमि की खरीद फरोख्त करने वालों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। राज्य मानवाधिकार आयोग के आदेश के बाद कुछ समय पूर्व भूतेश्वर वन क्षेत्र में जिला प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई लेकिन दूसरे ही दिन वहां दुगने से ज्यादा अतिक्रमण फिर से हो गए।
वन विभाग ने कई बार सौंपी सूची
वन विभाग ने जेडीए और नगर निगम अधिकारियों को पूर्व में भी प्रशासन शहरों की ओर अभियान से पूर्व करीब 55 बस्तियों की सूची सौंप कर बस्तियों के सर्वे और नियमन नहीं करने के लिए चेताया भी था। लेकिन खुद वनविभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण बढ़ते रहे। वनविभाग के शीर्ष अधिकारियों की चुप्पी के कारण जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले लोगों के हौसलें लगातार बुलंद होते जा रहे थे।
अतिक्रमण के बाद दूसरों को बेचने का क्रम
वनभूमि पर अतिक्रमण करने वाले कुछ समय बाद पानी बिजली कनेक्शन लेकर दूसरों को बेच देते है। यही क्रम लगभग सभी बस्तियों में पिछले एक दशक से चल रहा है। शहर की सटी वनभूमि की सुरक्षा दीवारों को तोड़कर बसी बस्तियों में एक कच्चे झोंपे की कीमत जरूरतमंद से लाखों रुपए वसूली जाती है। बस्तियों में रहने वाले संदिग्ध लोगों का कभी पुलिस वेरिफिकेशन तक नहीं हुआ है।
कहां कहां बसी बस्तियां
भूतेश्वर वन क्षेत्र में गण शहीदा कॉलोनी कबीर नगर, भैरवा भाखर, संजय कॉलोनी, तुलसी कॉलोनी, जगदम्बा कॉलोनी, ढब्बू बस्ती, बापू कॉलोनी, बरकतुल्लाह कॉलोनी, गोरधन तालाब, भीख प्याऊ, प्रतापनगर श्मशान पहाड़ी सहित आसपास की पूरी पहाडिय़ों को अतिक्रमण हो चुका है। वर्तमान में जमीनों की खरीद फरोख्त का क्रम जारी है। देवकुंड वन क्षेत्र के रावटी, पहाडग़ंज, जनता कॉलोनी, इन्द्रा कॉलोनी, खरबूजा बावड़ी, माचिया वन खंड की मीरा कॉलोनी, बेरीगंगा वन क्षेत्र की मगजी की घाटी, निम्बा निंबड़ी बस्ती, लाल सागर वन खंड में आना सागर के आसपास, बड़ा भाखर में पठान कोट, शिक्षक कॉलोनी, उम्मेद सागर बांध के पास, भादरवा बेरा, चोखा गोलासनी तथा बड़ा भाखर वन क्षेत्र के चांदना भाखर में शिव कॉलोनी, गुरों का तालाब श्रीराम नगर, संत धाम, सूथला बस्ती, व्यास की बावड़ी वन खंड के इसाइयों का कब्रिस्तान सहित करीब 60 बस्तियों में अंधाधुंध अतिक्रमण हो चुका है।
Source: Jodhpur