बाड़मेर/चौहटन. तारबंदी लांघकर पाकिस्तान गए गेमराराम की चिट्ठी उसके भाई के पास आई है जिसमें उसने लिखा है कि वह अपनी छह माह की सजा पूरी कर चुका है और अब उसको भारत ले जाया जाए। गेमराराम अभी तक हिफाजत से है और उसको जेल में गुजरात के मछुआरों के साथ रखा हुआ है, जो मछली पकड़ने के चक्कर में पाक तक चले गए थे। बाड़मेर के सीमांत कुम्हारों का टिब्बा, सज्जन का पार निवासी गेमराराम बदहवासी में तारबंदी लांघकर 5 नवंबर 2020 को पाकिस्तान चला गया। 5 जनवरी को पाकिस्तान ने इसकी जानकारी दी और 20 जनवरी को पत्रिका में खुलासा होने के बाद गेमराराम की वतन वापसी के प्रयास प्रारंभ हुए। इस बीच 24 जनवरी को गेमराराम को हैदराबाद पाकिस्तान की जेल में भेज दिया गया। गेमराराम की रिहाई के लिए भारत सराकर के गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान सरकार को दस्तावेज भेजे हैं और उसकी रिहाई के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
गेमरा ने चिट्ठी भेज दी कुशलता की जानकारी-
जानकारी अनुसार गेमराराम के परिजनों के पास में हाल ही में एक चिट्ठी जरिए व्हाट्सएप आई है जिसमें गेमराराम ने परिजनों को बताया है कि वह हैदराबाद की जेल में है और उसको गुजरात के मछुआरों के साथ रखा हुआ है। अब न्यायालय में पेशी हो रही है। उसे उम्मीद है कि उसकी सजा पूरी हो जाएगी। इसके बाद उसे भारत भेजा जा सकता है, इसके लिए परिजनों को कहा है कि वे पूरे प्रयास करें।
मुझसे भूल हुई-
गेमराराम को अब पछतावा है। उसने कहा कि उसने भारी भूल कर दी है। पाकिस्तान में जाने के बाद वह एक जगह पड़ा रहा। वहां से एक व्यक्ति आया और उसको पाकिस्तान फौज के हवाले कर दिया। वहां से कोर्ट में पेश किया गया और जेल में डाल दिया गया है। जेल में उसके साथ भारत के ही अन्य लोग है, जो मछुआरे हैं।
दीपावली तक आ जाए-
परिजनों ने इसको लेकर केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी एवं अन्य प्रतिनिधियों से एक बार फिर गुहार की है कि गेमराराम को दीपावली तक भारत वापस लाने के प्रयास किए
Source: Barmer News