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जोधपुर।
देश में स्वच्छता के मामले में नम्बर वन का दावा करने वाला जोधपुर रेलवे स्टेशन कचरे के ढेर पर है। देश के तमाम रेलवे स्टेशनों को पछाड़ प्लेटिनम रेटिंग स्टेशन का तमगा लेने वाले जोधपुर रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर तो जमकर साफ-सफाई रखी जाती है, लेकिन सिक्के के दूसरे पहलू की तरह ही इस स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार पर गंदगी से हाल बेहाल है। स्टेशन का पूरा रास्ता कचरे से जाम हो गया है, कचरा सडांघ व बदबू मार रहा है। इससे आमजन व यात्रियों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में रेलवे अधिकारियों के स्वच्छता का दावा खोखला साबित हो रहा है और रेलवे की सफाई-स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहा है।

डम्पिंग यार्ड बन गया
स्टेशन का द्वितीय प्रवेश द्वार रातानाडा से आम रास्ता है जो नई लोको कॉलोनी और पुरानी लोको कॉलोनी दोनों के बीच का रास्ता है, यह निकलकर स्टेशन की तरफ आता है। इस रास्ते पर कचरा डालकर बंद कर दिया गया, इससे कॉलोनियों के रहवासी, राहगीर व यात्री परेशान है। नगर निगम की ओर से शहर का पूरा कचरा इक_ा कर यहीं पर डाला जा रहा है, जिससे यह आम रास्ता जाम करके डंपिंग यार्ड के रूप में काम में लिया जा रहा है। नगर निगम की कचरे की गाडिय़ां स्टेशन के गेट के सामने खड़ी रहती है, जिनमे से कचरा उड़कर स्टेशन की बाउण्ड्री में फैला रहता है।
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कागजों में ही रहा रेलवे व निगम का स्वच्छता अभियान
रेलवे की ओर से स्वच्छता अभियान खानापूर्ति बनकर रह गया। रेलवे की ओर से मण्डल रेल प्रबंधक की महापौर दक्षिण वनिता सेठ के साथ बैठक के बाद गत 30 सितम्बर को रेलवे व नगर निगम दक्षिण की ओर से संयुक्त सफाई अभियान का निर्णय लिया गया, लेकिन 30 सितम्बर को ऐसा कोई संयुक्त सफाई अभियान नहीं चलाया गया।

नगर निगम के डम्पिंग स्टेशन की वजह से स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार की हालत खराब है। नगर निगम दक्षिण की मेयर, निम आयुक्त को डम्पिंग का दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए निवेदन किया है। वहीं कलेक्टर व राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत को भी मामला अवगत कराया है।
गीतिका पाण्डेय, मण्डल रेल प्रबंधक
जोधपुर

मैं जोधपुर से बाहर थी, अभी भी बाहर हूं। जोधपुर आने पर ही इस कार्यक्रम की योजना बनाकर कार्य किया जाएगा।
वनिता सेठ, महापौर दक्षिण

Source: Jodhpur

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