जोधपुर. सभी तरह की संपत्तियों, सिद्धियों व निधियों की अधिष्ठात्री विष्णुप्रिया महालक्ष्मी के स्वागत के लिए सूर्यनगरी सहित समूचे मारवाड़वासियों ने पलक पावड़े बिछा दिए है। रूप चतुर्दशी को असंख्य दीपमालाओं से सजे घरों के कंवळों ने अमावस्या की पूर्व संध्या पर छाए अंधकार को दूर कर लोगों के मन को उल्लास से भर दिया। आनंद-उल्लास-आरोग्य, शांति व समृद्धि से जुड़े पंच महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को पूरे दिन खरीदारी का दौर चला। दीपावली की पूर्व संध्या पर सूर्यनगरी के रोशन बाजारों में महालक्ष्मी पूजन के लिए परम्परागत पूजा की सामग्री, मिठाई, सूखे मेवे, घरेलु आवश्यक सामग्री व नवीन परिधानों की खरीदारी का दौर देर रात तक चलता रहा।
खुशहाली व समृद्धि के लिए मृत्यु के देवता यम का स्मरण
दीपावली की पूर्व संध्या पर प्रदोषवेला में नख से शिख तक सजी-धजी गृहणियों ने घर आंगन दीपमालाओं से रोशन किए। रूप चौदस के उपलक्ष्य में घरों के कंवळे सजाने के बाद दरिद्रता एवं संकटनाश के लिए सौंदर्यरूप भगवान कृष्ण व धन-धान्य तथा ऐश्वर्य की प्रतीक महालक्ष्मी का पूजन किया गया। नरक चतुर्दशी पर महिलाओं ने घर-परिवार की खुशहाली व समृद्धि के लिए मृत्यु के देवता यम का स्मरण कर घर की देहरी पर दीपदान किया। ब्यूटी पार्लर्स संचालक भी रूप चौदस की संध्या पर खासे व्यस्त नजर आए। जोधपुर सहित मारवाड़ के ग्रामीण अंचलों में भी दीपावली पर महालक्ष्मी के स्वागत को लेकर विशेष उत्साह है।
मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव की धूम 5 से
पंच पर्व दीपोत्सव के चतुर्थ दिवस 5 नवम्बर को गोवद्र्धन पूजन किया जाएगा। सूर्यनगरी के सभी प्रमुख वैष्णव मंदिरों में विशेष तैयारियां की गई है। मंदिरों में ठाकुरजी को मंूग व छप्पन भोग पूजन के साथ ही अन्नकूट महोत्सव आरंभ हो जाएगा। कटला बाजार स्थित कुंज बिहारी मंदिर में गोवद्र्धन पूजन सुबह 9 से 11 बजे तक व अन्नकूट महोत्सव दर्शन शाम 6 से 11 बजे तक होंगे। पंच पर्व के अंतिम दिन भाई दूज (यम द्वितीया) के दिन विवाहित बहनें अपने भाइयों को घर आमंत्रित कर हाथों से भोजन खिलाने की परम्परा का निर्वहन करेगी। इसी के साथ पंच महापर्व का समापन होगा।
इन मुहूर्त में भी महालक्ष्मी पूजन शुभ
पं ओमदत्त शंकर के अनुसार गुरुवार सुबह 6.53 से 8.15 तक शुभ वेला, स्थिर वृश्चिक लग्न सुबह 7.49 से 10.06 बजे तक, अभिजित मुहूर्त 11.59 से 12.43 तक तथा लाभ अमृत दिन में 12.22 से 3.06 तक महालक्ष्मी पूजन करना शुभ है। शाम 4.30 से 4.53 तक पूजन के लिए शुभ वेला रहेगी। गोधूली प्रदोष अमृत वेला में शाम 5.52 से 7.28 तक, स्थिर वृषभ लग्न शाम 6.30 से 8.27 तक, गृह बली मिथुन लग्न रात्री 8.28 से 10.41 तक, महा निशीथ काल रात्रि 11.56 से 12.40 तक, लाभ वेला रात्रि 12.22 से 1.59 तक, स्थिर सिंह लग्न रात्रि 12.58 से 3.13 बजे तक, शुभ व अमृत वेला रात्रि 3.37 से सुबह 6.51 तक महालक्ष्मी पूजन करना शुभ रहेगा।
Source: Jodhpur