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भावी (जोधपुर) . सात समंदर पार कर शीतकालीन सत्र में हर वर्ष आने वाले मेहमान पक्षी कुरजां की संदिग्ध मौत का सिलसिला जारी है। कापरडा सेज हाइवे स्थित पड़ाव स्थल पर सोमवार को वन विभाग की टीम को 18 मृत कुरजां और मिली।

गत तीन दिनों में 89 कुरजां का दम टूट चुका है। कई कुरजां झाडिय़ों में फंसी पड़ी है जिनको निकालने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। वहीं कई जगह मृत कुरजां को आवारा श्वान अपना भोजन बनाकर निगल रहे हैं।

दस कु रजां बीमार मिली जिनको वन विभाग के पिचियाक कार्यालय में बने रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया। मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारुक आफरीदी व पाली सांसद पीपी चौधरी ने सोमवार को कुरजां के पड़ाव स्थल का दौरा कर वन विभाग अधिकारियों से कुरजां के मरने व बचाव के प्रयासों की जानकारी ली।

सांसद चौधरी ने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि पानी के अंंदर घायल व बीमार पड़ी कुरजां को शीघ्र निकाला जाए व उनका उपचार समय रहते किया जाए।

कापरड़ा कुरजां पड़ाव स्थल पहुंचे मुख्यमंत्री के ओएसडी फारुक आफरीदी ने बताया कि राजस्थान पत्रिका जयपुर संस्करण में प्रकाशित खबर को पढ़कर वह कापरड़ा गांव में कुरजां के मरने के कारणों, मेडिकल टीम द्वारा किए बचाव के प्रयासों व मौके की वस्तुस्थिति की जानकारी लेने आया हूं। मुख्यमंत्री को कुरजां मामले की रिपोर्ट दूंगा।

उन्होंने मेडिकल टीम को पानी के नमूने लेकर शीघ्र जांच रिपोर्ट मंगवाने की बात कही। अधिक स्टाफ लगाकर पानी व पड़ाव स्थल पर घायल कुरजां को शीघ्र जोधपुर रेस्क्यू सेंटर भेजा जाए।

कापरड़ा आए सांसद चौधरी को वन विभाग कार्मिकों व पर्यावरणप्रेमियों ने ज्ञापन सौंपकर मांग की कि बिलाड़ा वन विभाग रेंज कार्यालय में बिलाड़ा, पीपाड़ व बावड़ी तीन पंचायत समितियों का बड़ा भू- भाग है। जहां मात्र आठ कार्मिक पदस्थापित है।

कार्मिकों व स्टाफ के अभाव में अधिक संख्या में कुरजां को पानी से नहीं निकाला जा रहा है। वन्यप्रेमी भजनलाल नैण, सहीराम डारा, अनिल जाणी, निबाराम देवासी, गायडराम की मांग पर संासद ने बिलाड़ा रैंजर कार्यालय में 24 का स्टाफ लगाने का आश्वासन दिया ।

Source: Jodhpur

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