जोधपुर.
चोरी की लग्जरी कारों के साथ गिरफ्तार आरोपियों से जो 25 फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) में जब्त की गई थी वो अरूणाचल प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से ऑनलाइन जारी एनओसी के आधार पर बनाई गई थी। करीब 20 आरसी बाड़मेर जिले के बालोतरा परिवहन विभाग से बनाई गई है।
चौहाबो थानाधिकारी लिखमाराम ने बताया कि प्रकरण में गिरफ्तार बालोतरा में पचपदरा रोड पर पुरानी धानमण्डी के पीछे निवासी भगवानदास गोस्वामी, पाल रोड पर बालाजी नगर द्वितीय निवासी मनीष गौड़ और जयपुर में शाहपुरा थानान्तर्गत करणी सागर निवासी विक्रम यादव रिमाण्ड पर हैं। विक्रम से 24 व भगवानदास से जब्त एक फर्जी आरसी जब्त की गई थी। इनमें अधिकांशत: बालोतरा परिवहन विभाग से जारी है और भारी वाहन यानि ट्रकों की हैं।
इस संबंध में जांच के लिए उप निरीक्षक फगलूराम बुधवार को बालोतरा के परिवहन विभाग के कार्यालय पहुंचे। आरसी से संबंधित रिकॉर्ड लेने के लिए पुलिस लिखित में नोटिस दिया। डीटीओ के कार्यालय में मौजूद न होने से फिलहाल कोई रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है। ऐसे में पुलिस ने बालोतरा में ही कैम्प कर रखा है।
वाहनों के बिना भौतिक सत्यापन के आरसी बनाई
आरोपियों से जांच में सामने आया कि अरूणाचल प्रदेश से वाहन की एनओसी जारी कराई जाती थी। जो ऑनलाइन ही बालोतरा के परिवहन विभाग में भेजते थे। उसी के आधार पर बिना वाहनों के भौतिक सत्यापन के आरसी बना दी गई थी। जबकि इन नम्बरों के वाहन अस्तित्व में ही नहीं हैं।
हरियाणा का नाजिम है चोर गिरोह का सरगना
विक्रम से एक कार व 24 आरसी जब्त की गई। भगवानदास व मनीष से मिली एक-एक कारें विक्रम ने दी थी। विक्रम से पूछताछ में सामने आया कि यह कारें हरियाणा में सोहना ताऊ निवासी नाजिम से पिछले महीने ली थी। उसके साथी नई दिल्ली, गुडग़ांव से कारें व ट्रक आदि चुराते हैं। फिर विक्रम से फर्जी रजिस्ट्रेशन लेते हैं और इनके आधार पर चोरी के वाहनों के इंजन व चैसिस नम्बर बदल देते हैं। फिर बिना चोरी की बताकर बेच देते हैं। भगवानदास ने मनीष के मार्फत एक लाख रुपए विक्रम को देकर एक कार खरीदी थी।
Source: Jodhpur