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RAS Officer ने डिक्री का फैसला करने के ऐवज में मोटी राशि ली। Jaisalmer से उस राशि को कार में अपने घर Jaipur भेज रहे थे। रास्ते में Jodhpur में ACB के हाथ 18 लाख से ज्यादा के 500-500 रुपए के नोटों की गडडी हाथ लग गई। जब जांच तो पूरे मामले का खुलासा हुआ व यह राशि रिश्वत का होने की जानकारी मिली।

एसीबी को वरिष्ठ सहायक कैलाशचन्द्र के पास बड़ी मात्रा में अवैध राशि होने व कार से निकलने की सूचना मिली। एसीबी की ग्रामीण चौकी के अतिरिकत पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश चौधरी के निर्देशन में निरीक्षक अमराराम खोखर ने रामपुरा टोल नाका पर जांच शुरू की। बुधवार रात डेढ़ बजे एक कार आई तो एसीबी ने उसे रोक लिया। चालक इन्द्रराज के पास बैठे व्यक्ति ने अपना परिचय उप निवेशन विभाग नाचना में वरिष्ठ सहायक कैलाशचन्द्र जाट बताया। कार की तलाशी ली गई तो पीछे की सीट पर दो बैग मिले।

कपड़े के एक बैग में नोटों के बण्डल भरे थे। प्लास्टिक की एक थैली में 500-500 रुपए के 3400 नोट यानि 17 लाख रुपए मिले। प्लास्टिक की दूसरी थैली में 2-2 हजार के 51, 500-500 के 30, 200-200 के 19 व 100-100 के 42 नोट मिले। जो कुल 1.25 लाख रुपए थे। इस प्रकार दोनों थैली में 18.25 लाख रुपए जब्त किए गए।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मथानिया के पास रामपुरा टोल नाका पर आकस्मिक जांच कर निजी कार में सवार जैसलमेर के नाचना में उप निवेशन विभाग के उपायुक्त कार्यालय के वरिष्ठ सहायक से 18.25 लाख रुपए जब्त किए। आरोपी वरिष्ठ सहायक को गिरफ्तार किया गया।

वरिष्ठ सहायक कैलाशचन्द्र जाट को मण्डोर थाने लाकर पूछताछ की गई। तब उसने बताया कि यह राशि नाचना के उप निवेशन विभाग में उपायुक्त व आरएएस अधिकारी नरेन्द्रपालसिंह ने उसे दिए थे और जयपुर में उनके घर देने के लिए ले जा रहा था। उपायुक्त ने यह राशि आसकन्द्रा निवासी सोहनसिंह, बेरीसालसिंह व भोमाराम से डिक्री का फैसला हक में करने की एवज में यह राशि ली थी। यह फैसला गत फरवरी में किया गया था। वरिष्ठ सहायक की गिरफ्तारी के बाद अब आरएएस अधिकारी व उपायुक्त नरेन्द्रपालसिंह से भी पूछताछ की जाएगी।

Source: Jodhpur

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