जोधपुर।
जनरल इंश्योरेंस पब्लिक सेक्टर एसोसिएशन ( जिप्सा ) के निर्देश पर चारों आम बीमा कंपनियों के कर्मचारियों को 10 साल की न्यूनतम सेवा पर पेंशन देय होगी। नेशनल, न्यू इंडिया,ओरिएंटल और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने निर्णय लिया है कि विशेष स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना 2003 और 2004 के तहत 10 साल की न्यूनतम सेवा पर पेंशन देय होगी। वहीं, योजना 2003 के तहत सेवानिवृत्त विकास अधिकारियों की न्यूनतम सेवा 20 साल पूरी होने पर अधिकतम 5 साल की काल्पनिक वृद्धि करते हुए पेंशन गणना की जाएगी। इस निर्णय से देश भर के सैकड़ों सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को फायदा होगा।
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जिप्सा व बीमा कंपनियों से मांग की जाती रही
राजस्थान उच्च न्यायालय के दोनों फैसलों के बाद फैडरेशन की ओर से जिप्सा तथा चारों आम बीमा कंपनियों से लगातार मांग की जाती रही कि राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय का लाभ सभी योग्य अधिकारियों और कर्मचारियों को बिना रिट याचिका दायर किए दिया जाएं। जिस पर अब जिप्सा और चारों बीमा कंपनी ने निर्णय लिया है कि न्यायालय के फैसले के अनुरूप संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति तिथि के अगले दिन से पेंशन अथवा बढ़ी हुई पेंशन और पेंशन संराशीकरण देय किया जाएगा और एरियर राशि का भुगतान भी अविलंब किया जाएगा।
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अलग-अलग प्रकरणों में हाईकोर्ट का निर्णय
– जनरल इंश्योरेंस पेंशनर्स ऑल इंडिया फैडरेशन के राष्ट्रीय विधि सचिव अनिल भंडारी ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने घनश्याम रमानी के मामले में यह निर्णय दिया कि विशेष स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत न्यूनतम 10 साल की सेवा किए जाने पर पेंशन देय होगी। जबकि बीमा कंपनी ने पेंशन देने से यह कहकर इनकार कर दिया कि कर्मचारी ने 18 साल की ही सेवा की थी।
– इसी प्रकार रमेश पटवा प्रकरण में राजस्थान उच्च न्यायालय ने रिट याचिका मंजूर करते हुए यह व्यवस्था दी थी कि विशेष स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना 2003 के तहत न्यूनतम 20 साल की विकास अधिकारी पद पर सेवा के बाद पांच साल तक की काल्पनिक वृद्धि करते हुए पेंशन अदा की जाएगी, जबकि बीमा कंपनी ने यह कहकर इनकार कर दिया कि केंद्रीय वित्त सचिव ने निर्देश दिया कि पांच साल की वृद्धि नहीं दी जाएगी।
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Source: Jodhpur