जोधपुर।
जिले के आंगणवा गांव में प्रस्तावित कृषि मंडी के निर्माण की राह में बजट की अड़चन खड़ी हो गई है। दरअसल, मंडी समिति के पास वित्तीय राशि नहीं होने व राज्य सरकार की ओर से मंडी निर्माण के लिए 60 करोड़ रुपयों का बजट उपलब्ध नहीं होने से मामला अधर में लटक गया है। ऐसे में, मंडी समिति अब (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) नाबार्ड से ऋण लेने की तैयारी कर रही है। मंडी समिति की बैठक में नाबार्ड को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया। आंगणवा में बनने वाली अनाज मंडी प्रदेश की अत्याधुनिक कृषि उपज मंडियों में से एक होगी।
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सरकार से 40 करोड़ ऋण मांगा था
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि उपज मंडी समिति की ओर से आंगणवा कृषि मंडी के लिए ले आउट प्लान भी भेजा था। जिसमें दुकानों, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज सहित इन्क्यूबेशन सेंटर विकसित करने के लिए राज्य सरकार को करीब 60 बजट प्रस्ताव भेजा गया। इसमें मंडी समिति ने 25 प्रतिशत सब्सिडी के लिए केन्द्र सरकार से आवेदन कर रखा है। कुछ राशि मंडी समिति के कोष से उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, शेष करीब 40 करोड़ रुपए के लिए सरकार से ऋण की मांग की थी।
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सब्सिडी से तैयार हो रहा इंक्यूबेशन सेंटर
मंडी समिति की ओर से अतिरिक्त ली गई 54 बीघा जमीन पर चारदिवारी का निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि पूर्व में ली गई 90 बीघा जमीन पर चारदिवारी बनी हुई थी। इसके अलावा केन्द्र सरकार की ओर से 100 प्रतिशत सब्सिडी पर करीब 3 करोड़ रुपए लागत का इंक्यूबेशन सेंटर का भी निर्माण कार्य चल रहा है।
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यह होगा कृषि मंडी में
– 226 दुकान कम गोदाम
– 114 गोदाम
– 50 वाणिज्यिक दुकानें
– 22 रिटेल दुकानें
– 02 कोल्ड स्टोरेज
– 01क्लीनिंग ग्रेडिंग यूनिट
– 01 आधुनिक इन्क्यूबेशन सेंटर
– 03 एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट
– 05 कवर्ड ऑक्शन प्लेटफॉर्म
– 01 ओपन ऑक्शन प्लेटफॉर्म
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मंडी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि आंगणवा में प्रस्तावित नई अनाज मंडी के निर्माण कार्य के लिए राज्य सरकार के माध्यम से नाबार्ड से ऋण मांगा जाएगा। ताकि राशि उपलब्ध होते ही मंडी निर्माण कार्य चालू कराया जा सके।
सुरेन्द्रसिंह राठौड़, सचिव
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि उपज मंडी समिति
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Source: Jodhpur