बाड़मेर. मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना राजस्थान राज्य सरकार की एक नई व जीवनदायिनी पहल है। योजना मुख्य रूप से उन लोगों के लिए बनाई गई है जो किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की सहायता करते हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अ धिकारी डॉ. बी एल विश्नोई ने बताया कि सरकार की ओर से अब सड़क हादसे में घायल लोगों की सहायता करने वाले व्यक्ति को सम्मानित करने के साथ पांच हजार रुपए की राशि भी प्रदान की जाएगी । ऐसे में आमजन से अपील है कि सड़क दुर्घटना में घायल की बिना किसी डर के तत्काल मदद करें जिससे कि किसी का जीवन बचाया जा सके। बिश्नोई ने बताया कि हॉस्पीटल में उसके साथ अच्छा व्यवहार किया जाएगा एवं उसके चाहने पर उसे हॉस्पीटल से तत्काल जाने दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अक्सर आम लोग कानूनी कार्रवाई के डर से सहायता करने से कतराते हैं। जिस कारण दुर्घटना में घायल सड़क पर जिंदगी और मौत से जूझता है, लेकिन सहायता नहीं मिल पाती जबकि शुरुआती समय उसके लिए बेहद खास होता है। यदि दुर्घटना होते ही घायल को मदद मिल जाए तो उसकी जिंदगी बचाई जा सकती है। यही वजह है कि अब राजस्थान सरकार ने अनूठी पहल करते हुए सडक़ दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्तियों की सहायता करने वाले एवं उन लोगों की जान बचाने वाले लोगों को 5000 रुपए की राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान करने का निर्णय किया है। सहायता करने वाले एक से ज्यादा हैं तो सबको प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा और राशि विभाजित कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना करने के पीछे राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की सहायता करना है एवं उनकी जान बचाना है। यही नहीं पुलिस उनसे सामान्य जानकारी के अलावा अन्य पूछताछ नहीं करेगी एवं न ही पुलिस थाने आने के लिए बाध्य करेगी। वहीं संबंधित हॉस्पीटल घायल को पहुंचाने वालों से घायल के उपचार के लिए रुपए की मांग नहीं करेंगे और उपचार भी तत्काल शुरू करना होगा। ऐसे में आमजन को आगे आकर घायलों की मदद करनी चाहिए जिससे कि किसी की जिदंगी बच सके।
इनको नहीं मिलेगा लाभ- सरकारी एंबुलेंस, निजी एंबुलेंस के कर्मचारी, पीसीआर वैन और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी और घायल व्यक्ति के रिश्तेदार आदि यदि किसी घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
ऐसे मिलेगा लाभ:-
सीओआईईसी राकेश भाटी ने बताया कि घायल व्यक्ति को लाने वाले सज्जन नागरिक को योजना का लाभ लेने के लिए अपनी पूरी जानकारी अस्पताल में तैनात मेडिकल ऑफिसर या नियुक्त स्टाफ को प्रदान करनी होगी। अपनी जानकारी में स्वयं का नाम, पता, मोबाइल नंबर एवं बैंक डिटेल देनी होगी। सभी जानकारी लेने के बाद अस्पताल में लाए गए घायल व्यक्ति को इलाज के अनुसार एक रिपोर्ट तैयार करेंगे कि व्यक्ति गंभीर था या नहीं एवं उसे तुरंत इलाज मिला या नहीं। इस रिपोर्ट के आधार पर ही लाभार्थी को विभाग की सामान्य प्रक्रियाओं के बाद सम्मान व इनाम दिया जाएगा।
Source: Barmer News