Solar Energy: जोधपुर. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) और राजस्थान सोलर एसोसिएशन (आरएसए) मिलकर भविष्य में नवीकरणीय ऊर्जा विशेषकर सौर ऊर्जा पर अनुसंधान करेंंगे। इससे सस्ती व आधुनिक सौर तकनीक उपलब्ध हो सकेगी। आने वाले एक दशक में प्रदेश में पारंपरिक ऊर्जा के स्थान पर अक्षय ऊर्जा को आसानी से प्रतिस्थापित किया जा सकेगा। इससे सस्ती ऊर्जा भी मिलेगी और प्रदूषण से भी राहत होगी।
आइआइटी और आरएसए ने शुक्रवार को आइआइटी के टेक्रोलॉजी पार्क में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया। इसमें उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरस्थ निगरानी, ट्रैकर्स और इनवर्टर, स्वचालित सफाई प्रणाली, सौर, तापीय और पवन-सौर, सौर पैनल की नई प्रौद्योगिकी, पॉलीसिलिकॉन में शोध होगा। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डीप लर्निंग की मदद ही जाएगी। आने वाले समय में आइआइटी इस पर नया पाठ्यक्रम भी तैयार करेगी ताकि संस्थान से निकलने वाले विद्यार्थियों को भविष्य की जरूरत के अनुसार बेहतर जॉब अवसर भी प्राप्त हो सके। आइआइटी निदेशक प्रो शांतनु चौधरी, उप निदेशक प्रो. एस.आर. वढ़ेरा, आरएसए अध्यक्ष सुनील बंसल, महासचिव गणेश अय्यर, प्रो अमिताभ मित्रा शामिल हुए।
खारे पानी का मीठा बनाया जा सकेगा
आइआइटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी ने बताया कि राजस्थान के संदर्भ में यह अत्यंत महत्वपूर्ण होगा कि सौर तापीय ऊर्जा के स्रोत के रूप में खारे पानी को पीने योग्य पानी में कैसे परिवर्तित किया जाए, क्योंकि अधिकांश भूजल खारा है। देश व प्रदेश में सौर तापीय और उसके भंडारण का बहुत कम दोहन किया गया है। यह अक्षय ऊर्जा के तौर पर एक उम्मीद देगा।
सौर ऊर्जा से चलेगी गाडि़यां
सौर ऊर्जा आधारित नवीकरणीय ऊर्जा से विद्युत वाहन बनाए जा सकेंगे। इसके अलावा भी सौर ऊर्जा का गाडिय़ों में विभिन्न इस्तेमाल हो सकेगा।
-प्रो. शांतनु चौधरी, निदेशक, आइआइटी जोधपुर
Source: Jodhpur